मानव मित्र: जरूरतमंदों और वंचितों के जीवन की नई आशा
मानव मित्र: जरूरतमंदों और वंचितों के जीवन की नई आशा
यदि इच्छाशक्ति हो तो बदलाव लाना संभव है। ‘मानव मित्र’ का भी यही मानना है। जो हर भूखे पेट, हर अधूरी पढ़ाई, बुनियादी सुविधाओं से वंचित बेबस आंखों के लिए एक नई उम्मीद है। वंचितों और ज़रूरतमंदों की सेवा के लिए समर्पित है। यह मानवता की सेवा का वो मिशन है जो समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों को संबल देने का कार्य करता है। यह संस्था समाज को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है और उन लाखों लोगों के लिए उम्मीद है जो हैं।

क्या है ‘मानव मित्र’?
कहते हैं सच्ची सेवा वही होती है जो नि:स्वार्थ भाव से की जाए। इसी भाव को आत्मसात करते हुए वर्ष 2005 में ‘मानव मित्र’ की शुरुआत की गई। इस गैर-सरकारी (NGO) और गैर-लाभकारी संस्था की नींव करुणा, सेवा और समर्पण पर रखी गई। जिसका मुख्य उद्देश्य समाज के उपेक्षित और जरूरतमंद वर्ग की मदद कर, उनका सशक्तिकरण और सामाजिक सम्मान प्रदान करना है, ताकि वे भी गरिमा के साथ जीवन जी सकें।
‘मानव मित्र’ का विश्वास है कि कोई भी व्यक्ति केवल इसलिए पिछड़ा न रहे कि उसके पास संसाधनों की कमी है। इसी सोच के साथ यह संस्था शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, महिला सशक्तिकरण, तकनीकी प्रशिक्षण और आपातकालीन राहत जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में सक्रिय रूप से कार्य कर रही है।
कोविड-19 महामारी में लोगों की सेवा
जब भारत समेत पूरी दुनिया में कोविड-19 महामारी ने कोहराम मचा रखा था। देश में लगे लॉकडाउन से लोगों की जिंदगी थम सी गई थी। लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। उस समय ‘मानव मित्र‘ ने निडरता के साथ प्रभावित लोगों की मदद की और अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए हजारों जरूरतमंद परिवारों को सूखा राशन, पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया ताकि कोई भी भूखा न सोए। लोगों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई। कोविड के बढ़ते मामलों के बीच मुफ्त स्वास्थ्य जांच और दवाइयों के साथ-साथ रक्तदान शिविर भी आयोजित किए गए ताकि अस्पतालों में रक्त की कमी पूरी की जा सके। हजारों परिवारों को रोजमर्रा का सामान उपलब्ध कराया।
लोगों को आत्मनिर्भर बनाने का मिशन
‘मानव मित्र’ यह मानता है कि सच्चा बदलाव तभी आता है जब लोग आत्मनिर्भर बनें और ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद करें। इसलिए मानव मित्र केवल सहायता तक सीमित नहीं है बल्कि दीर्घकालिक विकास और सशक्तिकरण की दिशा में भी काम कर रहा है। गांवों और शहरी झुग्गियों में शिक्षा केंद्र, कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम, स्वास्थ्य शिविर और बालिकाओं के लिए विशेष योजनाएं इसी उद्देश्य का हिस्सा हैं। अपने समर्पित कार्यों और दृष्टिकोण के माध्यम से ‘मानव मित्र’ समाज में सकारात्मक परिवर्तन की राह पर बढ़ रहा है — एक ऐसी राह जहां हर व्यक्ति को अवसर, आत्म-सम्मान और बेहतर भविष्य की उम्मीद मिलती है।
शिक्षा और कौशल विकास की ओर कदम
मानव मित्र यह मानता है कि शिक्षा ही वह अस्त्र है जिससे गरीबी और सामाजिक असमानता को समाप्त किया जा सकता है। इसलिए इस संस्था ने शिक्षा और कौशल विकास को अपनी प्राथमिकताओं में रखा है। ‘मानव मित्र’ ने स्लम एरिया और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब बच्चों के लिए निःशुल्क स्कूल और ट्यूशन की व्यवस्था की है। युवाओं को कंप्यूटर और सूचना तकनीक की ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वे इस डिजिटल युग में पीछे न छूटें और नौकरी के लिए तैयार हो सकें। युवाओं के लिए करियर काउंसलिंग सेशन्स भी आयोजित करवाए जाते हैं।
महिलाओं और बालिकाओं के लिए विशेष प्रयास
महिलाओं और बालिकाओं का सशक्तिकरण सामाजिक विकास की कुंजी है। इस दिशा में मानव मित्र ने कई अभिनव पहल की हैं: जैसे- महिलाओं को सिलाई, ब्यूटी पार्लर, कंप्यूटर क्लास जैसी स्किल सिखाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाता है। इसके साथ-साथ ‘बेटी बचाओ – बेटी बढ़ाओ’ के मूलमंत्र को आगे बढ़ाते हुए संस्था बालिकाओं को स्कूल भेजने के लिए आर्थिक सहायता भी देती है। स्कॉलरशिप, किताबें और यूनिफॉर्म जैसे जरूरी संसाधन भी मुहैया कराती है।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में योगदान
एक स्थायी और सुरक्षित भविष्य के लिए हमें पर्यावरण संरक्षण की दिशा में गंभीरता के कार्य करना होगा इसी ध्येय के साथ संस्था द्वारा वृक्षारोपण अभियान, स्वच्छता अभियान और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं। लोगों को इसका महत्व समझाने और जागरूक करने के लिए भी कार्यक्रम किए जे हैं।
संस्था की ताकत: समर्पित वालंटियर
मानव मित्र की असली ताकत उसके वे समर्पित वालंटियर हैं, जो बिना किसी स्वार्थ के समाज की सेवा में जुटे हैं। हमारे ये वालंटियर ज़मीन पर जाकर काम करते हैं। जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाना हो, बच्चों को पढ़ाना हो उनकी काउंसलिंग हो, बीमार लोगों की मदद हो या रक्तदान शिविर हो, हर जगह वालंटियर्स की मौजूदगी ‘मानव मित्र’ की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इन लोगों की नि:स्वार्थ मेहनत से ही यह संभव हो पाया है कि हजारों लोगों की जिंदगी बेहतर हो रही है। इनका मानना है कि सभी को स्वास्थ्य, शिक्षा और सम्मानपूर्ण जीवन जीने का समान अधिकार होना चाहिए, चाहे वह किसी भी वर्ग या पृष्ठभूमि से हो।
